
अक्टूबर, 2018 से देश में राजधानी के टक्कर की एक और ट्रेन आ रही है। इस ट्रेन की खासियत है कि 160 किमी की स्पीड पकड़ने में यह ट्रेन सिर्फ 197 सेकेंड लेगी। इस ट्रेन का नाम है, ट्रेन-18, जिसका ट्रायल अगले माह से दिल्ली से भोपाल के बीच किया जाएगा। राजधानी एक्सप्रेस 42 किलोमीटर के सफर के बाद 160 किमी की स्पीड पकड़ती है और इस काम में राजधानी एक्सप्रेस 604 सेकेंड लेती है। लेकिन ट्रेन-18 सिर्फ 6.2 किमी की दूरी तय कर 160 किमी की स्पीड पकड़ लेगी। ट्रेन 18 की इस स्पीड की वजह से दिल्ली से भोपाल जाने में राजधानी के मुकाबले 1 घंटे का समय बचेगा। इस माह तैयार हो जाएगी ट्रेन चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में ट्रेन 18 की लास्ट फिनशिंग चल रही है। इस माह ट्रेन तैयार हो जाएगी। एक सप्ताह फैक्ट्री में ट्रायल के बाद दिल्ली-भोपाल के बीच ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। ट्रायल और सीआरएस (कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) क्लीयरेंस में 4 माह तक का समय लग जाएगा। इसके बाद इसे शताब्दी से रिप्लेस कर दिया जाएगा। दरवाजों में लगे हैं स्लाइडिंग स्टेप ट्रेन के दरवाजों में स्लाइडिंग स्टेप लगे हैं, जो पहली बार किसी ट्रेन में इस्तेमाल किए गए हैं। यह आटोमेटिक होंगे। इनके बंद होने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ेगी। इससे ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच गैप खत्म हो जाएगा। सवारी इसी में पैर रखकर ट्रेन में चढ़ सकेंगी। इससे पहले कई बार जल्दबाजी में सवारी का पैर अंदर चला जाता था, जिससे हादसे हो जाता था। यह स्लाइडिंग स्टेप ट्रेन के प्लेटफार्म पहुंचने के बाद और ऑटोमैटिक गेट खुलने से पहले 150 मिमी बाहर आएगा। इसी तरह गेट बंद होने के बाद अंदर की ओर चला जाएगा। अगर किसी स्टेशन में ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच में गैप कम है तो ये प्लेटफॉर्म से टकराकर 20 मिमी प्लेटफॉर्म से पीछे स्वत: ही चला जाएगा। एक कोच से दूसरे कोच में जाने पर अंदर पता नहीं चलेगा। दोनों कोचों को जोड़ने वाला सील गैंग वे काफी चौड़ा है और ज्वाइंट में झटके नहीं लगेंगे। इसके अलावा बाहर से भी कोच अलग-अलग नहीं लगेंगे। कोच की चौड़ाई के बराबर गैंग-वे लगाया गया है।
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