
सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट डेवलपर Amrapali के प्रमोटर्स से कहा है कि वे देश छोड़ कर न जाएं। साथ ही, प्रमोटर्स को 2008-09 के बाद से शुरू किए किए प्रोजेक्ट्स की डिटेल सबमिट करने को भी कहा है। उधर, रियल एसटेट ग्रुप आम्रपाली ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें उसके अनसोल्ड और फ्यूचर प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन की जिम्मेवारी एनबीसीसी को सौंपने की अपील की है। कोर्ट ने आम्रपाली 10 दिन के भीतर यह डिटेल देने को कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत इससे पहले 17 मई को कोर्ट ने आम्रपाली के 42 हजार होम बायर्स को राहत देते हुए कहा था कि आम्रपाली के ठप पड़े 12 प्रोजेक्ट्स को तीन को-डेवलपर्स के माध्यम से पूरा किया जाए। कोर्ट ने टाइम लाइन फिक्स करते हुए कहा था कि कंस्ट्रक्शन का काम 6 माह में शुरू हो जाएगा, जबकि 48 माह में कंस्ट्रक्शन पूरी हो जाएगी। कोर्ट ने आम्रपाली प्रमोटर्स को 250 करोड़ रुपए एक एस्क्रो अकाउंट में जमा कराने के निर्देश दिए थे। इस पैसे से को-डेवलपर्स को कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू करना था। 4 हिस्सों में प्रोजेक्ट बांटे कोर्ट ने प्रोजेक्ट्स को उनके पूरा होने की स्टेज के हिसाब से 4 हिस्सों में बांटा है। बेंच ने नोएडा की रियल एस्टेट कंपनी गैलेक्सी ग्रुप को 6 प्रोजेक्ट पूरा करने को कहा है। इनमें सैफियर-1, 2, लीजर पार्क, लीजर वैली, ईडेन पार्क, ग्रीन वैली और हर्टबीट सिटी शामिल हैं। इन 6 प्रोजेक्ट्स में 27,000 से 28,000 लोगों के घर अटके हैं। प्रिन्सले एस्टेट प्रोजेक्ट को कनोडिया सीमेंट को दिया गया है। वहीं बाकी के 5 प्रोजेक्ट्स- जोडिएक, प्लैटिनम, टेक पार्क, गोल्फ होम्स और सेंचुरियन को IIFL-विरिडियन कंसोर्शियम को दिया गया है।
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