चीन अपनी अद्भुत इमारतों और बेजोड़ निर्माण परियोजनाओं के लिए जाना जाता है। दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप यहीं है, मॉल यहीं है, दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट यहां बन रहा है। अब इस सूची में दुनिया का सबसे बड़ा sea bridge भी शामिल होने जा रहा है। 55 किमी लंबा यह ब्रिज दक्षिण चीन में बहने वाली पर्ल नदी के डेल्टा पर स्थित हांगकांग, झुहाई और मकाऊ को जोड़ेगा। इसका निर्माण दिसंबर, 2009 में शुरू हुआ था और अब लगभग नौ साल बाद इसे 24 अक्टूबर को लोगों के लिए खोला जाएगा। आधा रह जाएगा ट्रैवल टाइम इस ब्रिज के चलते हांगकांग से मकाऊ के बीच आने जाने का समय आधा रह जाएगा। एक किनारे से दूसरे किनारे जाने में लोगों को सिर्फ एक घंटे का समय लगेगा। रोजाना इसपर से 40,000 वाहन गुजरेंगे, जिनमें शटल बसें भी शामिल होंगी। इसे देश का बड़ा ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। बड़ी परियोजना, बड़ी लागत इस परियोजना की अनुमानित लागत 15 अरब डॉलर बताई जाती है। इसे बनाने में 4,20,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इतनी स्टील से 60 Eiffel Tower बनाए जा सकते हैं। चीनी अधिकारियों का कहना है कि यह ब्रिज 120 वर्षों तक सही सलामत रहेगा। इस ब्रिज में छह लेन और चार टनल हैं, जिनमें से एक पानी के नीचे बनाया गया है। इस पूरे स्ट्रक्चर को सपोर्ट करने के लिए चीन ने समंदर में चार artificial islands भी बनाए हैं। इसे ऐसे डिजायन किया गया है कि यह इस क्षेत्र में आने वाले भूकंप और मौसमी तूफाप का सामना कर सके।
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Saturday, 20 October 2018
24 अक्टूबर से शुरू होगा समंदर पर बना दुनिया का सबसे लंबा ब्रिज, Hong Kong–China–Macau को जोड़ेगा
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